Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -18-Mar-2022

रंगों की बौछार



रंगों की बरसात है ये
बौछार है प्यार की
गाल पर लगा गुलाल
पकड़ कलाई यार की

बुरा न मानो होली है
कहती फिरती टोली है
उस पर उसका रंग खिला
जो जिसका हमजोली है

कुछ रंग बस चेहरे पर
कुछ दिल पर छा गये
कोई हमसे नाराज़ न हो
हम भी किसी को भा गये

इस तरह दुनिया से बेगाने हुए
तन्हाइयों में तेरे मेरे ठिकाने हुए
तुमको को ढुंढते फिरें है सारे 
और जमाने के हम निशाने हुए

रंग भरे दिल में रंगों का राज है
रंग बरसते जिससे ये क्या साज़ है
इश्क़ ओ मुहब्बत तो दुनिया करें है
कहने को भला ये भी कोई काज है

इस तरह देखना रंग चढ़ जायेगा
अपुन हद से भी आगे बढ़ जायेगा
जल्दी से मुझको सुंघाओ दो बूटी 
वरना जिद पर ये दिल अड़ जायेगा


अनीस राही

   8
10 Comments

Zakirhusain Abbas Chougule

28-Mar-2022 01:23 AM

बहुत खूब

Reply

Abhinav ji

20-Mar-2022 09:11 AM

Very nice

Reply

Punam verma

19-Mar-2022 02:32 PM

Very nice

Reply

अनीस राही

19-Mar-2022 05:02 PM

Shukriya

Reply